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PM Narendra Modi to inaugurate Atal Tunnel Rohtang Tunnel Today what is Atal Tunne World longest highway tunnel atal tunnel

 दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, जानें इस सुरंग की खासियत

 

Atal Tunne World longest highway tunnel atal tunnel
Atal Tunne World longest highway tunnel 

Atal Tunnel से कैसे होगा आर्मी को फायदा, जानें सुरंग के बारे में सबकुछ

रोहतांग सुरंग या अटल सुरंग है जो विश्व की सबसे बड़ी सुरंग है। अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब 03 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे एक स्ट्रैटजिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था. टनल के दक्षिण पोर्टल की पहुंच रोड की आधारशिला 26 मई, 2002 रखी गई थी. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने प्रमुख भूवैज्ञानिक, भूभाग और मौसम की चुनौतियों पर काबू पाने के लिए जीतोड़ मेहनत की. इनमें सबसे कठिन प्रखंड 587 मीटर लंबा सेरी नाला फॉल्ट जोन शामिल है, दोनों छोर पर सफलता 15 अक्टूबर, 2017 को मिली.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान को सम्‍मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था. यह सुरंग मनाली लेह राजमार्ग पर रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई जा रही है, जो लेह को मनाली से जोड़ेगी। इस टनल का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 3 अक्टूबर 2020 को किया गया है। रोहतांग में स्थित 9.02 किलोमीटर लंबी ये टनल मनाली को लाहौल स्फीति से जोड़ती है. इस टनल की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी सालों भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे. इससे पहले बर्फबारी की वजह से लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी. 'अटल टनल' का आकार घोड़े की नाल जैसा है. इसका दक्षिणी किनारा मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यह भी जान लें कि अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी हाइवे टनल है. इस टनल की निर्माण लागत करीब 3200 करोड़ रुपये है. इस प्रोजेक्ट का निर्माण 6 साल से कम समय में होना था लेकिन इसे पूरा होने में 10 साल का समय लगा.  जबकि उत्तरी किनारा लाहौल घाटी में तेलिंग और सिस्सू गांव के नजदीक समुद्र तल से 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 10.5 मीटर चौड़ी इस सुरंग पर 3.6 x 2.25 मीटर का फायरप्रूफ आपातकालीन निकास द्वार बना हुआ है. 'अटल टनल' से रोजाना 3000 कारें, और 1500 ट्रक 80 किलोमीटर की स्पीड से निकल सकेंगे. इससे मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है. साथ ही दोनों जगहों के बीच सफर का समय करीब 4 से 5 घंटे की घट गया है.

अटल टनल: कुछ प्रमुख विशेषताएं
    ·         दोनों पोर्टल पर टनल प्रवेश बैरियर
    ·         आपातकालीन कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन
    ·         प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम
    ·         प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्‍त स्‍वत: किसी घटना का पता लगाने वाला        सिस्टम
    ·         प्रत्येक किलोमीटर दूरी पर एयर क्वालिटी गुणवत्ता निगरानी
    ·         प्रत्येक 25 मीटर पर निकासी प्रकाश/निकासी इंडिकेटर
    ·         पूरी टनल में प्रसारण प्रणाली
    ·         प्रत्‍येक 50 मीटर दूरी पर फायर रेटिड डैम्पर्स
    ·         प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर कैमरे

 
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